इंसान के कार्य उसको कभी मरने नहीं देते. इतिहास के पन्नों में दर्ज कई महानायक जो आज भी याद किए जाते हैं वह अपने काम की वजह से ही किए जाते हैं. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय में भी ऐसे कई लोग थे जो आज भी हमारी यादों में बसे हुए हैं. आज हमारे स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरु (Jawaharlal Nehru) की पुण्यतिथि है. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री और देश के अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी प. नेहरु की जिंदगी पश्चिमी सभ्यता से जरूर प्रभावित थी पर साथ ही वह अपने देश से भी जुड़े हुए थे.
14 नवंबर, 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जन्मे पं. नेहरु (P. Nehru) का बचपन काफी शानोशौकत से बीता. उनके पिता देश के उच्च वकीलों में से एक थे. पं. मोतीलाल नेहरु (Motilal Nehru) एक धनाढ्य वकील थे. उनकी मां का नाम स्वरुप रानी नेहरू था. वह मोतीलाल नेहरू के इकलौते पुत्र थे. इनके अलावा मोती लाल नेहरू(Motilal Nehru) की तीन पुत्रियां थीं. उनकी बहन विजयलक्ष्मी पंडित बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं.
पं. नेहरू (P. Nehru) कश्मीरी ब्राह्मण परिवार के थे, जो अपनी प्रशासनिक क्षमताओं तथा विद्वत्ता के लिए विख्यात थे. पं. नेहरु की प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई. 14 वर्ष की आयु में नेहरू ने घर पर ही कई अंग्रेज़ अध्यापिकाओं और शिक्षकों से शिक्षा प्राप्त की. 15 वर्ष की उम्र में 1905 में नेहरू एक अग्रणी अंग्रेजी विद्यालय इंग्लैण्ड के हैरो स्कूल में भेजे गए.
जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) 1912 में भारत लौटे और वकालत शुरू की. मार्च 1916 में नेहरू का विवाह कमला कौल के साथ हुआ, जो दिल्ली में बसे कश्मीरी परिवार की थीं. उनकी अकेली संतान इंदिरा प्रियदर्शिनी (Indira Priyadarshani) का जन्म 1917 में हुआ. बाद में वह भारत की प्रधानमंत्री बनीं.
जवाहरलाल नेहरु (Jawaharlal Nehru) का मन वकालत में ज्यादा नहीं लगता था और इसीलिए उन्होंने राजनीति को अपना क्षेत्र चुन लिया. गांधीजी ने उनकी क्षमताओं को समझा और उन्हें युवा कांग्रेस की कमान दे दी. नेहरु जी ने भी गांधीजी की राह पर चलते हुए नरमपंथी और सत्याग्रह जैसे हथियारों का प्रयोग करते हुए स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी.
नेहरू आजादी के आंदोलन के दौरान बहुत बार जेल गए. 1920 से 1922 तक चले असहयोग आंदोलन के दौरान उन्हें दो बार गिरफ्तार किया गया.
जब भारत आजाद हुआ तो उन्हें स्वतंत्र भारत का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया. उन्होंने अपने राजनैतिक कैरियर में भारत को कई उपलब्धियां दिलाईं. हालांकि कुछ मौको पर नेहरु जी की दूरदर्शिता पर सवाल उठे हैं. लोग उन्हें ही कश्मीर, पाकिस्तान और चीन के मध्य तनाव की वजह मानते हैं.
नेहरु जी आधुनिक विचार और पश्चिमी सभ्यता से काफी लगाव रखते थे जिसकी झलक उनके रहन-सहन में देखने को मिलती थी. सिगरेट पीना, काला चश्मा लगाना, गुलाब साथ लेकर चलना उनकी कुछ पसंदीदा चीजें थीं.
चीन के साथ संघर्ष के कुछ ही समय बाद नेहरू के स्वास्थ्य में गिरावट के लक्षण दिखाई देने लगे. उन्हें 1963 में दिल का हल्का दौरा पड़ा, जनवरी 1964 में उन्हें और दुर्बल बना देने वाला दौरा पड़ा. कुछ ही महीनों के बाद तीसरे दौरे में 27 मई, 1964 में उनकी मृत्यु हो गई.
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